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Showing posts from January, 2025

भारत विभाजन के समय मुस्लिमों की विचारधारा

भारत विभाजन के समय देश में दो तरह के मुसलमान थे, एक वे थे जो गांधी जी के साथ भारत में रहना चाहते थे और दूसरे वे थे जिनका विचार था कि लड़कर लेंगे पाकिस्तान।  जो वर्तमान में भारत में मुसलमान हैं इनके पूर्वज गांधी जी के साथ रहे। वे पाकिस्तान नहीं गए और भारत की मिट्टी में सुपुर्द ए खाक हुए।  जो गैर मुस्लिम पाकिस्तान और वर्तमान बांग्लादेश में रह गए उनकी दशा बहुत खराब है।  जबकि भारत में गांधी जी की विचारधारा के मुस्लिम को कहीं भी कोई दिक्कत नहीं है।  लड़कर लेंगे पाकिस्तान की विचारधारा के मुस्लिमों ने जिस विचारधारा को जन्म दिया भले ही वह वर्तमान में पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहते हैं मगर उनके कृत्यों के कारण भारत के गांधी जी की विचारधारा के मुस्लिमों को असहजता का सामना करना पड़ता है।  बांग्लादेश में जो हिंदुओं के साथ हो रहा है भारतीय हिंदुओं में रोष है। गांधी जी की विचारधारा के मुस्लिम भी बांग्लादेशी मुस्लिमों की निंदा कर रहे हैं।  महाकुंभ का पावन पर्व पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। आदरणीय महाराज जी ने भारत के धार्मिक गौरव की पताका को संपूर्ण विश्व में फहराने...

एक रिश्ता ऐसा भी, सेकंड कजिन

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एक रिश्ता ऐसा भी, सेकंड कजिन  राहुल पांडे अविचल  वास्तव में कजिन शब्द से तो सब परिचित हैं। कजिन के बच्चों के आपसी रिश्ते को सेकंड कजिन कहते हैं। सेकंड कजिन भी एक रोचक रिश्ता है। मैंने तो इस रिश्ते को बहुत करीब से जिया है। कोई सगा बड़ा भाई नहीं था। कजिन हमेशा मारने की साजिश किया करते थे। इसलिए एक सेकंड कजिन को सगे भाई जैसा सम्मान दिया। मै उम्र में छोटा था इसके बावजूद भी कभी कुछ नहीं मांगा। हमेशा सम्मान किया। जब बुरे वक्त से गुजर रहा था तब कुछ नहीं मांगा तो अब तो शायद जीवन बिना कुछ मांगे भी चल सकता है। सच यह है कि इस विषय पर मैं कुछ लिखना ही नहीं चाहता था। मैंने कुछ नहीं मांगा मुझे कुछ नहीं मिला। मगर उन्होंने जिंदगी में बस एक बार मुझसे कुछ मांगा मैंने वादा किया कि यह इच्छा पूरी हो जाएगी। ईश्वर ने मेरी लाज रखी ख्वाब पूरे हुए। मैं यह सोचता रहा कि अतीत में ऐतिहासिक सेकंड कजिन से जो गलती हुई थी वह गलती हमारे बीच ना हो। मै अपने शुरुआती संघर्ष के दिनों में फिल्म निर्माता निर्देशक श्याम बेनेगल जी के जीवन से बहुत प्रभावित था। उनके जीवन के संघर्षों को पढ़ा करता था। फिल्म निर्माता बनने के...

पत्नी पति कि निजी संपत्ति नहीं

पत्नी पति की संपत्ति नहीं है:  विवाह एक पवित्र रिश्ता है।  जोसेफ साइन मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट विस्तृत आदेश पास कर चुकी है। ऑर्डर आप पढ़ सकते हैं लिंक:  https://t.me/RahulGPande/350  पत्नी कोई वस्तु नहीं है यह द्रौपदी ने भरी सभा में कहा था। उनका प्रश्न था कि पहले युधिष्ठिर खुद को जुआ में हारे कि मुझे जुआ में हारे। जिसपर पता चला कि वह खुद को पहले जुआ में हारे। तब द्रोपदी ने कहा कि जब खुद को हारकर वह दास बन गए तो वह मुझे दांव पर नहीं लगा सकते थे क्योंकि पत्नी कोई वस्तु नहीं है।  IPC 497 के अनुसार पत्नी पति की इच्छा से किसी परपुरुष से सहगमन करे तो यह व्यभिचार नहीं है और पति की अनभिज्ञता में किसी परपुरुष से सहगमन करे तो तो यह व्यभिचार है। इस तरह यह धारा पत्नी को वस्तु सिद्ध कर रही थी। माता कुंती ने पहले द्रोपदी को वस्तु मानकर अपने पांच बेटों में बाँट दिया, फिर युधिष्ठिर ने वस्तु मानकर खुद दुर्योधन का दास होने के बावजूद द्रोपदी को जुआ में दांव पर लगा दिया। रामायण इस बात का प्रतीक है कि क्या करना चाहिए और महाभारत इस बात का प्रतीक है क्या नहीं करना चाहिए। डॉक्टर ...