69000 भर्ती आरक्षण मामला

कुछ बातें :

प्रत्यूष मिश्रा जी से मेरी पहली मुलाकात 20 मार्च 2012 को लखनऊ में हुई थी। वह संघर्ष का पल कभी भुलाया नहीं जा सकता है। संघर्ष का एक लम्बा सफर रहा। लखनऊ से दिल्ली तक हम सब साथ रहे। कभी भी हमारे उनके बीच मतभेद नहीं रहा। 
प्रत्यूष जी में मैंने एक ईमानदार संघर्षशील योद्धा को पाया और मुझे खुशी है कि आज भी उनकी ईमानदारी कायम है। 
उस संघर्ष में बहुत से साथी नाकामयाब रहे और उनकी कामयाबी को लेकर हमेशा सोचा करता था। उसके बाद फिर नई सुबह हुई और  69000 भर्ती में काफी लोग सफल हुए जिसमें प्रत्यूष मिश्रा भी सम्मिलित हैं।
बहुत से पुराने साथी 69000 भर्ती में भी सफल नहीं हो पाए उनके लिए असीम दुख भी है। 
जब बीएड पर खतरा आया तो प्रत्यूष जी ने लखनऊ में बीएड के पक्ष में काम किया और उमेश कुमार जी के साथ विपिन जी ने लखनऊ और  दिल्ली में काम किया। सभी ने मिलकर सफलता पाई। कुछ मतभेद भी रहे मगर मेरे और प्रत्यूष जी के बीच यहां भी मतभेद नहीं रहा। राजेश राव जी ने भी बीएड मामले में आखिरी क्षण में बहुत अच्छा काम किया।
मतभेद कोई बुरी बात नहीं है बस मनभेद नहीं होना चाहिए। 
डिवीजन बेंच के फैसले के बाद हजारों सवर्णों की रोजी रोटी पर संकट के बादल छा गए। बेहद व्यस्तता के बावजूद प्रत्यूष जी आगे आए और सुप्रीम कोर्ट में आखिरी क्षणों में SLP दाखिल किया। हर डेट पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राकेश खन्ना जी को लाया। 
माननीय CJI के सेवानिवृत होने के बाद बेंच बदल गई। 
मामला निस्तारित होने वाला है। मामले में चंद्र मौली जी की SLP पर पहली डेट में सीनियर लॉयर विकास सिंह जी आए थे। 
उसके बाद चंद्र मौली जी ने फिर उनको नहीं लाया। 
मेरी नजर में वर्तमान में विकास सिंह जी इस केस के लिए सबसे अच्छे वकील सिद्ध होंगे। इसलिए मैंने एक दिन लिख दिया था कि जो टीम उनको लाई थी वह नहीं लाती है तो प्रत्यूष जी को सभी शिक्षक शिक्षिकाओं से सहयोग लेकर फाइनल बहस विकास सिंह जी से करानी चाहिए। 
 राघवेंद्र सिंह सोमवंशी और चंद्रमौली जी विकास सिंह जी से इस केस में जुड़ चुके थे। इसलिए बगैर इनसे बात किए कोई और टीम का विकास सिंह जी को लाना नैतिक रूप से  उचित नहीं था। 
मैंने शिवेंद्र जी और विपिन श्रीवास्तव जी से खुद बात किया।  शिवेंद्र जी ने सहयोग का आश्वासन दिया और विपिन जी ने धनाभाव और सुनवाई न होने की उम्मीद जताई। 
अभिषेक पांडे और प्रत्यूष मिश्रा जी ने मुझे फोन किया कि विकास सिंह जी को अपीयर कराइए भैया। मैंने कहा कि नैतिक रूप से उनको लाने का अधिकार चंद्रमौली जी और राघवेंद्र सोमवंशी जी को है वह इनकार करें तब ही उनको लाया जाए। उसके बाद मैंने पूरा दिन किसी का फोन ही नहीं उठाया। 
अभिषेक पांडे और प्रत्यूष जी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वयं प्रयास करके विकास सिंह जी को लाने का निर्णय कर लिया , क्योंकि ये दोनों किसी भी तरह से जोखिम नहीं लेना चाहते थे। मुझसे सफाई में अभिषेक जी ने कहा कि विधिक रूप से हम सही हैं, हमारी पहली नैतिकता अपनी और सबकी नौकरी बचाना है। 
20 नवंबर की सुबह में मैंने फोन उठाया तो प्रत्यूष जी ने मुझे बताया कि शिक्षक शिक्षिकाओं की रोजी रोटी का मामला है। नैतिकता यह है कि हम ला रहे हैं तो सब हमारा साथ दें, हम कुछ लोग मिलकर खर्च वहन कर  लेंगे। सहयोग का आह्वान भी करेंगे।
मैने कहा कि जब आपने दिग्गज वकील को लाने का निर्णय कर लिया है तो जो मुझसे सहयोग चाहिए बताइएगा। 
AOR राकेश मिश्रा भैया ने विकास सर को  प्रत्यूष जी की SLP और सबमिशन देकर शॉर्ट ब्रीफ भी कर दिया और बाद में अभिषेक पांडे और प्रत्यूष जी ने विस्तृत रूप से अपनी बात को वरिष्ठ वकील से रखा। 
मुझे प्रत्यूष मिश्रा से कोई भी शिकायत नहीं है। आशा है कि वह पूरी ईमानदारी से जैसे आज तक काम करते आए उसी तरह से आगे भी करेंगे। ईश्वर उनको अपने उद्देश्य में सफल करेंगे। 
मैं इस भर्ती का हिस्सा नहीं हूं इसलिए अन्य टीम द्वारा प्रत्यूष टीम को टारगेट किया जाता है। सवाल उठाए जाते हैं। मैने नॉन लीडिंग बंच मैटर से स्वयं को अलग कर लिया है। 
सवर्ण शिक्षक शिक्षिकाओं ने सही लोगों को टॉप लीडिंग का मौका नहीं दिया है। जिसके पास लीडिंग है वह मेरी नजर में अच्छा काम नहीं कर रहे हैं। प्रत्यूष टीम अच्छा काम कर रही है तो उसे अच्छा काम भी नहीं करने दे रहे हैं। विकास सिंह सर की 16 लाख रुपए प्रति डेट फीस है। यदि लोग प्रत्यूष टीम की खिंचाई करेंगे तो वह सही लड़ाई नहीं लड़ पाएंगे। इस प्रार्थना के साथ कि सभी सवर्ण रिस्क जोन के शिक्षक शिक्षिका प्रत्यूष मिश्रा का सहयोग करें। जिससे वह अच्छे तरीके से इस लड़ाई को लड़ सकें और आप सबको सफलता दिला सकें। 
प्रत्यूष मिश्रा जी बेहद ही ईमानदार व्यक्ति हैं। यह मेरा अंतिम आह्वान है। जिससे वह हर डेट पर दिग्गज सीनियर लॉयर विकास सिंह जी को ला सकें। कल की डेट में विकास सर को दिया गया पैसा पूर्णतया सुरक्षित है। जो कि अगली डेट में एडजस्ट हो जायेगा। 
मैं 69000 भर्ती आरक्षण केस से 
स्वयं को अलग कर रहा हूं। 
मेरी शुभकामनाएं आप सबके साथ रहेंगी। जिस केस में मुझे लीडिंग देना हो उसी में याद करना। अन्यथा भूलकर भी मुझे कोई याद न करे।  धन्यवाद 
राहुल पांडे 
अविचल 
Note: किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आप मुझे @RahulGPande लिखकर सर्च कर सकते हैं।

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