पद, पदोन्नति और प्रलापों का दौर
पद, पदोन्नति और प्रलापों का दौर
- राहुल जी पांडे 'अविचल'
दीपक शर्मा केस में प्राइमरी स्कूल (जूनियर बेसिक ) का हेडमास्टर, मिडिल स्कूल (सीनियर बेसिक) का सहायक अध्यापक और मिडिल के हेडमास्टर पद पर पदोन्नति के लिए TET लगाने की बात हुई थी।
उसके बाद एकल पीठ में कुछ लोग ने TET से राहत मांगी परंतु नहीं मिली। वे खंडपीठ में गए खंडपीठ में भी राहत नहीं मिली।
मगर दीपक शर्मा केस के फैसले को न्यायमूर्ति श्री एपी शाही साहब ने रद्द करके एकल पीठ को पुनः सुनवाई करने का निर्देश दिया था। व्यक्तिगत रूप से मैंने न्यायमूर्ति श्री शाही के विचारों को सुना था। TET के लिए चर्चित राम प्रकाश शर्मा केस की वृहदपीठ के वह अध्यक्ष थे। उनके तर्कों का किसी के पास जवाब नहीं था।
२३ अगस्त २०१० के पूर्व प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त शिक्षकों पर पदोन्नति में TET लगेगा कि नहीं लगेगा, यह अभी सवालों के घेरे है। जबकि न्यायमूर्ति श्री शाही ने कहा था कि दिनांक २३ अगस्त २०१० के पूर्व नियुक्त शिक्षक मिडिल का सहायक अध्यापक और मिडिल का हेडमास्टर बगैर TET बनेंगे।
दिनांक २३ अगस्त २०१० के बाद नियुक्त प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों पर मिडिल में सहायक अध्यापक बनने के लिए मिडिल का TET लगेगा। इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है।
मैं चाहता था कि पदोन्नति हो इसलिए अपनी रिट में लिखकर गया कि एनसीटीई के नोटिफिकेशन दिनांक २३/०८/२०१० के बाद प्राइमरी में नियुक्त शिक्षकों पर TET लागू होगा। इस पर सचिव साहब का कंसेंट आया कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन लागू होगा।
मिडिल का हेडमास्टर बनने के लिए बेसिक शिक्षा नियमावली में वरिष्ठता का निर्धारण प्राइमरी का सहायक अध्यापक बनने की तिथि से होता है। एनसीटीई के नोटिफिकेशन दिनांक २३ अगस्त २०१० के पैरा चार की व्याख्या हुए बगैर दिनांक २३ अगस्त २०१० के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर पदोन्नति में TET नहीं थोपा जा सकता है। वह एनसीटीई के विनिमय ३ सितंबर २००१ से नियुक्त हैं जिसमें कि वह नियुक्ति के साथ ही मिडिल के हेडमास्टर तक बनने के योग्य थे बस कुछ वर्ष की सेवा की शर्त थी। यदि दिनांक २३ अगस्त २०१० के बाद नियुक्त TET उत्तीर्ण शिक्षक दिनांक २३ अगस्त २०१० के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET चाहते हैं तो वह निकट भविष्य में पदोन्नति नहीं चाहते हैं। चार से छः वर्ष बाद जब तय होगा कि दिनांक २३ अगस्त २०१० के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET लागू होगा कि नहीं लागू होगा तभी पदोन्नति होगी। विनिमय २००१ दिनांक २३ अगस्त २०१० को समाप्त हुआ इसलिए इस तिथि को आए एनसीटीई के नोटिफिकेशन में पैरा ४ शामिल किया गया। विनिमय २०१४ को विनिमय २०१० से अलग नहीं पढ़ा जा सकता है। इसलिए मैंने अपनी रिट के विरुद्ध दिनांक २३ अगस्त २०१० के पहले नियुक्त शिक्षकों को आने का अवसर नहीं दिया और एनसीटीई का नोटिफिकेशन भी पदोन्नति में लागू करवाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन दिनांक २३ अगस्त २०१० एवम आरटीई एक्ट को उत्तर प्रदेश में दिनांक २९ जुलाई २०११ को लागू किया था। जबकि एनसीटीई का नोटिफिकेशन जारी होते ही सभी राज्यों पर प्रभावी हो गया था। जब बेसिक शिक्षा विभाग ने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय बाल शिक्षा अधिकार कानून २०११ लागू होने के पूर्व बगैर TET नियुक्ति की है तो पदोन्नति में भी दिनांक २९ जुलाई २०११ के पूर्व तक नियुक्त प्राइमरी स्कूल के सहायक अध्यापकों को TET से राहत प्रदान करेगी। यह अलग विषय है कि मामला माननीय न्यायालय पहुंचने पर TET से राहत सिर्फ दिनांक २३ अगस्त २०१० के पूर्व में नियुक्त हो चुके लोगों को मिलेगी। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय बाल शिक्षा अधिकार कानून २०११ में पहला संशोधन शिक्षामित्रों को TET से राहत देने के लिए लाया गया था। जिसे कि माननीय मुख्य न्यायमूर्ति डॉक्टर (श्री) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी ने अस्वीकार कर दिया था और कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन दिनांक २३ अगस्त २०१० ही प्रभावी है तथा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। इसके साथ ही बताना है कि प्राइमरी के हेडमास्टर पद पर पदोन्नति हेतु किसी पर भी TET लागू नहीं होगा।
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