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Showing posts from December, 2022

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) आवंटन एवं कटौती को लेकर असमंजस की स्थिति और समाधान

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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में स्थायी  सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) आवंटन एवं कटौती को लेकर असमंजस की स्थिति और समाधान  राहुल पाण्डेय 'अविचल'  भारत सरकार ने दिनांक 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचना जारी करके दिनांक 1 जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में आने वाले केंद्रीय कार्मिकों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए पुरानी पेंशन की योजना बन्द कर दी। इस तरह जो दिनांक 31 दिसंबर 2003 तक नियुक्ति और चयन पा चुके थे वही पुरानी पेंशन के हकदार रह गए। केंद्र सरकार ने यह प्रणाली राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं किया परंतु राज्य सरकारें इसे अपने कर्मियों पर लागू कर सकती थीं। दिनांक 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को यह सुविधा प्रदान की गयी। वर्ष 2011 में इनके लिए प्रोत्साहन हेतु प्रतिवर्ष न्यूनतम 1000 रूपये से अधिकतम 12000 रूपये तक अंशदान की व्यवस्था की गई थी। जो कि उस समय प्रोत्साहन राशि वित्तीय सत्र 2015-2016 तक थी। इसमें निवेश के लिए दो टायर की व्यवस्था थी जिसमें पहले टायर को 60 वर्ष के बाद छोड़ा जा सकता है। सरकारी कार्मिकों को प्...

विवाह संस्था को नकारती विचारधारा को नकारते 'लिव इन रिलेशन'

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विवाह संस्था को नकारती विचारधारा को नकारते 'लिव इन रिलेशन' राहुल पांडे 'अविचल'  विवाह पवित्र बंधन के रूप में देखा जाता था। भगवान शिव से लेकर भगवान विष्णु तक सबके सब विवाह बंधन में बंधे। भगवान राम और कृष्ण का भी विवाह हुआ। तारा, कुंती, अहिल्या, मंदोदरी और द्रोपदी का भी विवाह हुआ। वर्तमान समय में विवाह संस्था पर नकारात्मक टिप्पणियों का दौर शुरू हुआ है। स्वतंत्रता के लिहाज से विवाह को बाधा बताकर लोगों ने विवाह की निंदा करना प्रारंभ कर दिया। कई बुद्धिजीवियों ने व्यस्तता के कारण विवाह को अनुचित ठहराकर लिव इन रिलेशन को बेहतर बताया। मैंने कई बार लिव इन रिलेशन की समीक्षा की तो पाया कि भारत में इन पर कानून होना चाहिए। भारत में इसपर कोई कानून नहीं है। न्यायालय को विदेशी कानून के आधार पर कई बार निर्णय सुनाना पड़ा है। अभी तक सिर्फ लिव इन रिलेशन में जन्मी संतान को न्याय मिलता आ रहा है। रोहित शेखर जिसका उदाहरण हैं। सत्य यह है कि वह तो लिव इन रिलेशन की भी उपज नहीं थे। भूपेन हजारिका ने अपना जीवन ही लिव इन रिलेशन में बिता दिया। राजेश खन्ना अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर अनीता आडव...