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बीएड छात्र वेलफेयर एसोसिएशन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लगाया दस हजार रुपए जुर्माना

अरनब घोष ने देवेश शर्मा केस के फैसले में क्लारिफिकेशन/मोडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल की जिसपर रजिस्ट्रार ने एप्लीकेशन खारिज कर दिया। रजिस्ट्रार के अनुसार एसएलपी के फैसले पर कोई भी रिट के जरिए मोडिफिकेशन नहीं मांग सकता। इस तरह सबकी रिट सुनी गई तो मुकदमा अंतहीन हो जायेगा। उक्त रजिस्ट्रार के निर्णय को मिसलेनियम एप्लीकेशन में पुनः अरनब घोष ने कोर्ट में लिस्ट कराया। न्यायमूर्ति श्री अनिरुद्ध बोस जी ने कहा कि देवेश शर्मा केस के फैसले को न्यायमूर्ति श्री सुधांशु धुलिया जी ने लिखा है, न्यायमूर्ति श्री अनिरुद्ध बोस जी और न्यायमूर्ति श्री सुधांशु धुलिया जी की दिनांक ११ जनवरी २०२४ को तीन बजे बेंच बैठी। न्यायमूर्ति ने कहा कि बीएड प्राइमरी के लिए योग्य नहीं है। ब्रिज कोर्स आदि कुछ नहीं है और एप्लीकेशन खारिज कर दिया। अरनब घोष यही जानना चाहता है कि एनसीटीई नोटिफिकेशन किस तारीख से रद्द हुआ है? बहुत से राज्य हैं जहां भर्ती हुई है लेकिन मामला कोर्ट में नहीं है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डेट ऑर्डर में लिखते ही अनावश्यक राज्यों में मुकदमें उत्पन्न होंगे। अब तक की अरनब की मामलों की AOR नेहा राठी जी ने ...

बीएड (अरनब घोष केस)

बीएड  मैंने पहले ही बीएड के लोगों से कहा था कि अरनब घोष की याचिका खारिज हो जायेगी। मगर देश के एक महान वकील को बीएड वालों ने उतारा था तो उनको अरनब घोष के लिए उतारना था जो कि बेरोजगार है। महान वकील हैं दिनांक ११/०८/२०२३ के पहले जारी हुए अधूरे विज्ञापन को पूरा करने की डिमांड करते। मगर बेवजह नियुक्त लोग के पक्ष में उतारकर बीएड वालों ने बीटीसी/डीबीटीसी वालों का मनोबल बढ़ा दिया।  यूट्यूब वाले अब भी रट लगाए हैं कि ६९ हजार वाले राम शरण मौर्य केस से सर्वोच्च न्यायालय से एलाऊ हैं इसलिए बाहर नहीं होंगे। जबकि राम शरण मौर्य केस से मैं सहमत नहीं हूं। क्योंकि वह मुकदमा कट ऑफ का था और उसमें एनसीटीई के नोटिफिकेशन की वैधता पर सुनवाई नहीं हुई थी। उसमें एनसीटीई के नोटिफिकेशन के अनुपालन में बीएड को एलाऊ किया गया था। अब वह नोटिफिकेशन ही रद्द है। जिसको लगता है कि राम शरण में बीएड एलाऊ हैं तो वह रिविजिट में किसी बीएड को ६९००० के अंदर ला दें, १ अंक वाले माननीय सुप्रीम कोर्ट से जीते हैं। उसमें कोई बीएड वाले जो हों उनकी नियुक्ति दिला दे। जब कि अब बीएड की नियुक्ति प्राइमरी में संभव ही नहीं है।  डॉक्...

स्थिति, परिस्थिति एवम समाधान

मन की बात  न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी का कहना था कि 72825 भर्ती सरकार लायी लेकिन बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में बीएड को शामिल करने के लिए संशोधन नहीं किया।  बीएड के लोग को नियुक्ति के बाद छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा इसलिए ट्रेनी टीचर का कैडर लाया जाए।  सरकार ने विज्ञापन रद्द कर दिया। बेसिक शिक्षा नियमावली का संशोधन 12 TET मेरिट सरकार ने रद्द करके संशोधन 15 अकादमिक मेरी लायी जिसमे प्रशिक्षण में सिध्दांत में प्रथम श्रेणी 12 अंक, द्वितीय श्रेणी 6 अंक तृतीय श्रेणी 3 अंक किया। प्रयोगात्मक में प्रथम श्रेणी 12 अंक, द्वितीय श्रेणी 6 अंक तृतीय श्रेणी 3 अंक किया। मेरा बीएड के सिद्धांत में द्वितीय श्रेणी है। कोई भी विज्ञापन आता उसमें मेरा चयन न होता। पुराना विज्ञापन सहायक अध्यापक का होना चाहिए था मगर वह SBTC की ट्रेनिंग जैसा विज्ञापन था। उसे चुनौती देता तो दिनांक 27/09/11 का शासनादेश अनिल संत जी अकादमिक पर लाये थे। उसमें भी मैं अनफिट था। क्योंकि शासनादेश के बाद जब दिनांक 09 नवंबर 2011 को 12वां  संशोधन लाया उसके बाद 13 नवंबर को TET हुई तब जाकर 30 नवंबर 2011 को TET मेरिट ...